Saturday, September 6

आ मिल जा मुझसे

हालात जो हैं मेरे दिल के,
कैसे करूँ बयां वो तुमसे।


कुछ कहने से पहले मैं चुप हो जाता हूँ,
अपनी बातें भूल तुझमें गुम हो जाता हूँ।

होने पर तेरे, दिल मेरा सुकून पाता है,
जाने पर तेरे, ये आहें भरता है।
तेरे मुस्कुराने से गुल में बहार आती है
खूसबू से तेरी दुनिया महक उठती है।


सूरत को तेरे मेरा मन चाँद कहता है
उसकी चांदनी की आगोश में ये तृप्त रहता है।

बालें अपनी सहलाकर तू अरमान नए जगाती है।
नजरें झुकाकर , शरमाकर मुझको दीवाना कर जाती है।


कितनी फरियाद करूँ मैं अब तुमसे,
आकर मिल जा तू अब मुझसे।
कैसे कहूँ कितना प्यार है तुमसे,
अब हर पल तेरा इंतजार है मन से॥


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