Ideas only matter in this world. Let us generate them in full. Poems are words unsaid, emotions unexpressed and feelings unfelt.
Sunday, January 22
Tuesday, January 17
ऐ मेरी कविता
ऐ मेरी कविता! तू ही तो है अमानत मेरी,
ये घर, ये संसार सब न्योछावर तुझ पर,
तू ही तो है जन्नत मेरी |
मेरे उदास पलों की संगदिल है तू ,
मेरी खुसिओं का उत्कर्ष तू ही |
मेरी व्यग्रता को शब्दों में बयां करती,
मेरे भावों की आत्मा तू ही |
अंतिम में,
मुझको सम्पूर्ण करती, ऐ मेरे मस्तिष्क की कल्पना,
मेरे जीवन का है उद्देश्य तू ही |
Monday, January 16
आ भी जाओ
कहाँ हो मेरी प्रियतमा तुम,
दिल की तड़प अब तो समझ जाओ,
सदियों से इंतज़ार है तुम्हारा,
अब तो आ भी जाओ, अब तो आ भी जाओ |
सावन से पतझड़ तक, पतझड़ से फिर सावन तक
जिंदगी लगती अधूरी हरवक्त
अब तो इस खालीपन को आकर भर जाओ, आकर भर जाओ |
दिल की तड़प अब तो समझ जाओ,
सदियों से इंतज़ार है तुम्हारा,
अब तो आ भी जाओ, अब तो आ भी जाओ |
सावन से पतझड़ तक, पतझड़ से फिर सावन तक
जिंदगी लगती अधूरी हरवक्त
अब तो इस खालीपन को आकर भर जाओ, आकर भर जाओ |
Sunday, January 15
निश्छल प्रेम
मत कहो हमसे हम तुम्हारे कुछ भी नहीं
एक बरसों का नाता है प्रेम के बंधन का
रुठते रहो यूँही कोई शिकवा नहीं
पर छोड़ के जाने का ख्याल सपनों से भी जुदा करो |
कहाँ पाओगे हम जैसा आशिक कोई
जो तुम्हारी ठोकर को भी खुदा की इनायत समझता हो
तुम्हारी जुदाई को दोजख मानता हो |
दूर जाओगे तो समझ पाओगे हमारे प्यार को
अभी तुम क्या जानो हमारे निश्छल समर्पण के भाव को ||
तिनका तिनका एहसास
तिनकों का आस था अबतक कि जिंदगी कट जाएगी उनके सहारे,
पर लगता है ले गया कोई परिंदा उन्हें, अपना आशियाना बनाने,
और हम रह गए बस यादों के सहारे |
काश कि हम भी परिंदे होते तो पूछते उन परिंदों से
क्या मिला तुम्हे हमसे हमारी रूह को छीनकर,
आशियाना जो तुमने बनाया मेरे आशियाने को उजाड़कर
खैर, खुश रहो तुम, यही दिल कि तमन्ना है
वैसे भी, किसी न किसी को तो गम में जलना है!
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